

अगर आप बिना किसी बिल्डर की मदद के घर बनवा रहे हैं तो यह तभी संभव है जब प्लानिंग सही होगी। यह सिर्फ आपकी जरूरत के हिसाब से कमरे तैयार करने की बात नहीं है बल्कि निर्माण के नियमों का भी ध्यान रखना है। मकानआईक्यू आज आपको बता रहा है कि अगर नया घर बनवा रहे हैं तो किन बातों को ध्यान में रखें:
लक्ष्य तय करें: प्लानिंग करने से पहले सबसे अहम चीज है लक्ष्य तय करना। इसमें घर का साइज, लेआउट, डिजाइन, इंटीरियर के अलावा अन्य चीजें शामिल होती हैं। इन सभी को ध्यान में रखने के बाद ही लक्ष्य की ओर बढ़ें। घर बनवाने वाले ज्यादातर लोग अपने परिवार की जरूरत के हिसाब से ही लेआउट डिजाइन कराते हैं। लेकिन यहां यह जानना भी जरूरी है कि अगर भविष्य में आपको ज्यादा स्पेस की जरूरत हुई तो। बढ़ते परिवार के साथ हमेशा एक एक्स्ट्रा रूम या एंटरटेनमेंट स्पेस होना चाहिए। जरा सोचिए क्या आप अपनी बाकी जिंदगी एक ही जगह बिता देना चाहते हैं? इन्हीं सवालों के जवाब आपको डिजाइनिंग और सही घर चुनने में मदद करेंगे। यह भी चीज दिमाग में रखें कि हो सकता है भविष्य में आपको घर बेचना पड़े। इसलिए इस बात को भी ध्यान में रखते हुए घर में कुछ जरूरी फीचर्स जुड़वाएं, ताकि यह लोगों को आकर्षित करे।
सोचें घर में क्या चीज कैसे होनी चाहिए: पहली बार घर बनवाने वाले लोग डिजाइनिंग के वक्त यह नहीं सोचते कि फर्नीचर कैसे रखा जाएगा। मौजूदा फ्लोरप्लान बनाते वक्त सोचें कि फर्नीचर कहां और कैसे रखा जाएगा। यह इसलिए जरूरी है ताकि आगे कमरा अन्य सामान लाने के बाद अव्यवस्थित न लगे। कुर्सियां और सोफे को आराम से घुमाने के लिए कितनी जगह की जरूरत होगी। यह उस वक्त ज्यादा काम आता है, अगर आप हॉल डिजाइन करा रहे हों।
बजट तय करें: बजट तय करना भी आपके लक्ष्य का ही हिस्सा है। बजट तय करने के बाद उसे विभिन्न चीजों जैसे कंस्ट्रक्शन की लागत, मटीरियल, टैक्स, फर्नीचर और घर की सजावट में बांट दें। इसके अलावा थोड़ा पैसा इमरजेंसी के लिेए भी रखें। पूरे प्रोजेक्ट के दौरान एक्सेल शीट का इस्तेमाल करें, जिसमें आपका बजट और अन्य खर्च शामिल हो।
कमरों की सही जगह: बेडरूम हमेशा कोने में होना चाहिए, ताकि वह ट्रैफिक और शोर से दूर रहे। मास्टर बेडरूम सीढ़ियों या एेसी जगह के पास नहीं बनवाना चाहिए, जहां आपके सोते समय परिवार के सदस्य आते-जाते हैं। इसके अलावा लिविंग एरिया की दीवार भी उससे मिली हुई नहीं होनी चाहिए। अगर बहुमंजिला घर बनवा रहे हैं तो बेडरूम और बाथरूम हर फ्लोर पर होना चाहिए। बेडरूम में हमेशा प्राइवेसी रहनी चाहिए और लिविंग रूम से वह आसानी से दिखना नहीं चाहिए। इन जगहों को अहम मानते हुए आपको एेसे कमरों को हटा देना चाहिए, जो कम इस्तेमाल होते हों। उन्हें स्टोर रूम की तरह भी इस्तेमाल किया जा सकता है। ज्यादा स्पेस होने से घर के छोटे बच्चे आराम से खेल भी सकते हैं।
इन चीजों को भी करें शामिल: अलमारियां और कैबिनेट्स लगवाते वक्त यह देख लें कि क्या आपकी जरूरत पूरी करने के लिए उनमें किसी तरह के बदलाव की जरूरत तो नहीं है। इसी तरह एक एक्स्ट्रा अलमारी जरूर रखें, क्या पता मेहमान कब आपके साथ रहने आ जाएं। इसी तरह किचन में भी एक्स्ट्रा स्पेस बनाने की जरूरत है। नियमित रूप से इस्तेमाल होने वाले अप्लाइंसेज की जगह एेसी होनी चाहिए, जहां आप आसानी से पहुंच सकें। इसके अलावा मास्टर बेडरूम में एेसा मास्टर स्विच होना चाहिए जो बाहर की सभी लाइट्स को कंट्रोल कर सके। यह फीचर भी आपके घर में चार-चांद लगा देगा। इसके अलावा जहां जरूरत हो, आप साउंड प्रूफिंग भी करा सकते हैं।
वेंटिलेशन को नजरअंदाज न करें: कंस्ट्रक्शन शुरू होने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपने वेंटिलेशन (सीलिंग और इंसुलेशन) जैसे हाई क्वॉलिटी काम के लिए सही कॉन्ट्रैक्टर को चुना है। खराब प्लानिंग के कारण नमी आपके वेंटिलेशन सिस्टम को खराब कर सकती है। पहले पाइप्स की अच्छे से निगरानी कर लें और कोई समस्या है तो उसे कॉन्ट्रैक्टर को बताएं। पानी के नल और पावर आउटलेट्स की लोकेशन भी चेक करें। अगर आपको लगता है कि अन्य विकल्पों की जरूरत पड़ेगी तो उसे भी शामिल करा सकते हैं। उदाहरण के लिए लॉन में लाइटिंग, रसोई में आउटलेट, दिवाली या क्रिस्मस के दौरान रोशनी के लिेए आप आंगन में एक्स्ट्रा स्विच लगवा सकते हैं।
एक टीम बनाएं: घर बनवाने के लिए आपको एक्सपर्ट और प्रोफेशनल लोगों की जरूरत पड़ेगी। सही लोगों को चुनें, जो आपके बजट में काम कर सकें। काम शुरू करने से पहले इलेक्ट्रिशियन, प्लम्बर, बिल्डर को हायर कर लें। लेकिन उससे पहले इनके पहले किए गए काम के बारे में मालूम जरूर करें। इस बात को पक्का कर लें कि ये लोग काम तेज और बेहतर करते हैं।
चुनौतियों के लिए तैयार रहें: यह भी मुमकिन है कि आपको कंस्ट्रक्शन की प्रक्रिया के दौरान कई अप्रत्याशित स्थितियों से गुजरना पड़े। भले ही आपने प्लान बना लिया हो या लक्ष्य तय कर लिया हो लेकिन फिर भी आपको कई चुनौतियों से गुजरना पड़ सकता है। इसलिए पहले ही प्लान बी तैयार रखें, अगर प्लान ए काम नहीं करता। साथ ही शांत रहकर एक्सपर्ट्स और प्रोफेशनल्स की मदद से समस्या सुलझाने की कोशिश करें।
सिर्फ प्लान ही आएगा काम: कंस्ट्रक्शन की शुरुआत में जो आपने प्लान बनाया था, बस वही काम नहीं आएगा। इसलिए ज्यादा से ज्यादा प्लान बनाएं। कंस्ट्रक्शन की प्रक्रिया के दौरान आपको कई आइडिया आएंगे। इसलिए नया प्लान बनाते रहें और आइडिया को उसमें शामिल कर लें।
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