12 Oct 2018

बेडरूम में वास्तु लाए खुशिओं की बहार, आप भी करें ट्राई

 यदि आपकी अपने जीवन साथी से बनती नही है। दिन रात घर में कलह और झगड़े ही होते रहते है तो इसका एक कारण आपके बेडरूम का वास्तु दोष हो सकता है। कैसे आप अपने बेडरूम के सामान में वास्तु के अनुसार थोडा फेरबदल करके अपने घर में खुशी की बहार ला सकते है।

वास्तुशास्त्र को बहुत से लोग टोना-टोटका या धार्मिक आस्था से जोड़ते है, लेकिन इसका किसी भी प्रकार की पूजा-पाठ या तन्त्र-मन्त्र से कोई लेना देना नहीं है। वास्तु में दिशाओं का महत्व होता है। किसी दिशा से आने वाली ऊर्जा आपको किस प्रकार से फायदा पहुंचा सकती है, यह शास्त्र इसी पर निर्भर है। वास्तु में हर जगह और कमरे के लिए एक निश्चित स्थान बताया गया है। बेडरूम रूम घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। आइए आपको बताते है कि आपके बेडरूम का वास्तु कैसा होना चाहिए ताकि आपके जीवन  में सदा खुशियों का आगमन होता रहे।

बेडरूम की सबसे इर्म्पोटेंट चीज है पलंग। वास्तु के अनुसार पलंग दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। पलंग को दक्षिण दिशा की दीवार के साथ होना चाहिए। सोते समय सिर दक्षिण की ओर और पैर उत्तर में होने चाहिए। ध्यान रहे पलंग दीवार के एकदम बीच में होना चाहिए। यही पलंग की बेडरूम में एकदम सही दिशा है।

पलंग के बाद बारी आती है स्टडी टेबल की आजकल अलग से स्टडी रूम बनाने का चलन लगभग खत्म हो गया है। अब तो बेडरूम में ही स्टडी कॉर्नर बनाया जाने लगा है। वास्तु के अनुसार स्टडी टेबल पूर्व दिशा में रखें और ध्यान रखें की पढ़ते समय आपका चेहरा पूर्व की तरफ ही होना चाहिए। दक्षिण की ओर टेबल कभी भी न रखें यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।

स्टडी टेबल के बाद बात करते हैं शोपीस और पेटिंग्स की। वास्तु के अनुसार बेडरूम में रामायण, महाभारत और किसी भी प्रकार के लड़ाई के दृश्य, ऐन्द्रजालिक पेंटिंग, पत्थर और लकड़ी की बनी राक्षसों की मूर्तियां, रोते हुए व्यक्ति की मूर्ति, जानवरो जैसे सांप, गिद्व, उल्लू, कौवा, बाज आदि के चित्र भी नहीं लगाने चाहिएं। बेडरूम में आप फूलों, झरनों, प्रकृति के मनोरम दृश्य की पेंटिंग्स लगा सकते हैं। वास्तु के अनुसार, पेंटिंग्स की सही दिशा उत्तर दिशा है। दीवार घड़ी भी हमेशा उत्तर दिशा की दीवार पर ही लगानी चाहिए।

 वास्तु के अनुसार मिरर या ड्रेसिंग टेबल को बेड के सामने नहीं रखना चाहिए। मिरर की बेडरूम में सही दिशा है उत्तर-पूर्व, इससे घर के सदस्यों के मान सम्मान में बढोतरी होती है। इसके अलावा किसी दूसरी दिशा में मिरर का लगाना अशुभ माना जाता है।

बेडरूम के दरवाजे की बात करें, तो वास्तु के अनुसार दरवाजा कभी भी बेड के सामने नहीं खुलना चाहिए। दरवाजे हमेशा अंदर की ओर ही खुलने चाहिए। इससे पॉजीटीव एनर्जी घर में आती है। दरवाजा हमेशा पूर्व में होना चाहिए। वास्तु में गोल शेप वाले दरवाजों को अशुभ माना जाता है। दरवाजे हमेशा चकोर होने चाहिएं।

दरवाजे के साथ-साथ खिडकियां भी पूर्व की दिशा में होनी चाहिए। यदि आपके बेडरूम में खिडकियां दक्षिण या पश्चिम दिशा में हो तो उन्हे पर्दों से ढककर रखना चाहिए।

आजकल अटैच टॉयलेट का चलन है। लेकिन वास्तु की माने तो बेडरूम में टॉयलेट का कोई भी स्थान नहीं है। फिर भी यदि अटैच टॉयलेट बनवाना ही है तो उसकी दिशा दक्षिण में होनी चाहिए।

वास्तु के अनुसार, कमरे की पूर्व और उत्तर की दिशा को खाली छोड़ना चाहिए। इन दिशाओं से आने वाली हवाओं और सूर्य की रोशनी में किसी भी प्रकार की कोई अड़चन नहीं आनी चाहिए इसीलिए इन दिशाओं में कोई भी भारी सामान न रखें। इन दोनों दिशाओं से ही रूम में पॉजीटीव एनर्जी आती है। भारी सामान जैसे सोफा, अलमारी आदि को आप दक्षिण और पश्चिम की दिशा में रख सकते है।

वैसे तो कहते है कि जो होना होता है वह होकर ही रहता है लेकिन यदि हम अपने बेडरूम में वास्तु के अनुसार फेरबदल करे तो कुछ हद तक आने वाली कठिनाईओं और परेशानियों से बच सकते है।

घर बनाने के लिए वास्तु टिप्स

खुशहाल जीवन जीने के लिए व्यक्ति की चाहत होती है अपना घर। वह अपना पूरा जीवन इस संघर्ष में ही निकाल देता है कि उसके सर पर एक छत आ जाए और बिना छत के तो रंग बिरंगी दुनिया भी वीरानी सी लगती है। जब आप किसी घर को खरीदने के लिए इतनी जद्दोहद करते हैं तो आप पूरी कोशिश करते हैं कि हम जो अपना सपनों का घर बना रहे हैं वह सभी तरह के दोषों से रहित हो।

इन दोषों को दूर करने का काम करता है वास्तुशास्त्र। इसलिए आज हम आपको बता रहे हैं घर बनवाने के लिए वास्तु टिप्स, जिनका आपको घर बनवाते समय ध्यान रखना होगा।

दिशाओं का रखें ध्यानः- चार दिशाएं उत्तर, पूर्व, पश्चिम और दक्षिण, इन चार दिशाओं के आधार पर ही घर की बनावट तय होती है। वास्तु शास्त्र का मानना है कि घर का मुख्य द्वारा यदि पूर्व या उत्तर दिशा में हो तो सर्वोत्तम माना होत, लेकिन इसका मतलब यह भी नहीं है कि यदि आपका मुख्य द्वार किसी और दिशा में हो तो कोई समस्या हो सकती है।

शौचालय पूजा घऱ के पास ना होः- घर बनवाते समय आपको ध्यान रखना होगा कि शौचालय पूजा घर के आस-पास ना हो। इसके अलावा पूजा घर में प्रतिमा स्थापित नहीं होनी चाहिए। आप चाहें तो छोटी मूर्तियां व पोस्टर रख सकते हैं।

टैंक उत्तर या पूर्व में होः- मकान बनाते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी प्रकार का भूमिगत टैंक, फ्रैश वॉटर टैंक, बोरिंग, कुआं, सैप्टिक टैंक, उत्तर अथवा पूर्व दिशा में होना चाहिए।

उत्तर दिशा में खुली जगह रखें- जब आप घर बनवा रहे हैं तब ध्यान रखें कि पश्चिम की तुलना में पूर्व दिशा में और दक्षिण की तुलना में उत्तर दिशा में ज्यादा खुली जगह होनी चाहिए।

भवन के इशान का रखे ध्यानः- भवन का ईशान यानी उत्तर पूर्व कोण घटा, कटा, गोल अथवा ऊंचा नहीं होना चाहिए। इसके अलावा दक्षिण पश्चिम कोण बढ़ा हुआ अथवा नीचा होना चाहिए।

घऱ की ऊंचाईः- यह ध्यान रखें कि घर की ऊंचाई जमीन से एक से दो फीट ऊंची और घर में फर्श समतल हो। यदि साफ-सफाई के लिए ढाल देना चाहें तो उत्तर, पूर्व दिशा या इशान कोण की ओर ढाल दे सकते हैं। पानी के निकास के लिए पश्चिम मुखी घर में यह दिशा शुभ होती है।

पूजा घर और बेडरूमः- पूजा घर और बेडरूम एक ही कमरे में नहीं होने चाहिए।

सीढ़ियों की संख्या विषमः- वास्तु शास्त्र में माना गया है कि सीढ़ी के पायदानों की संख्या विषम 21, 23, 25 होनी चाहिए।

घऱ में कबाड़ न रखें:- घऱ में कबाड़ का होना शनिचर की निशानी होता है। इसलिए कहते हैं कि घऱ में कबाड़ नहीं होना चाहिए। यदि घर में कबाड़ अधिक होता है तो कोई ना कोई समस्या घर में आती रहती है।

कमरे की लाइट्सः- कमरे की लाइट्स पूर्व या उत्तर दिशा में लगी होनी चाहिए।

खिड़कियां उत्तर या पूर्व में होः- घर के ज्यादातर कमरों की खिड़कियां और दरवाजे उत्तर या पूर्व दिशा में खुलने चाहिए।

मुख्य द्वार दक्षिणमुखी ना होः- घर का मुख्य दरवाजा दक्षिणमुखी नहीं होना चाहिए। अगर मजबूरी में आपको दक्षिणमुखी दरवाजा बनाना पड़ गया है तो दरवाजे के सामने एक बड़ा सा आइना लगा दें।

ताजमहल का शो पीस ना रखें:- ताजमहल एक मकबरा है इसलिए न तो इसकी तस्वीर घर में लगानी चाहिए और ना ही इसका कोई शो पीस घर में रखना चाहिए।

4 Oct 2018

छत पर बगीचा बनाकर बनाये अपने घर में हरियाली और खुशहाली | Terrace Garden Tips

Terrace Garden की ख्वाहिश रखने वाले कम नही है | यह मौसम उनकी इस इच्छा को पुरी करने के लिए अनुकूल है | छत पर हरियाली लाने के इंतजामो से जुडी कुछ बातो को का ध्यान रखे और फिर देखे कि छत पर बसी बगिया कैसे खिलखिलाती है |

सबसे पहले Water Proofing

Garden तैयार करने से पहले पुरी छत पर Water Proofing बेहद जरुरी है | इसके बिना यह हरियाली आपको सुकून नही पहुचा सकती क्योंकि लगातार बनी रहने वाली नमी नीचे की दीवारों पर फ़ैल सकती है और उन्हें कमजोर बना सकती है |

Perfect मौसम का इन्तजार

छत पर Garden बनाने की तैयारी करने का यह सबसे अच्छा मौसम है | बरसाती मौसम में मिटटी फटाफट सेटल हो जाती है और पौधों को भी तेजी से बढने लायक माहौल मिलता है |

बची-कुची चीजो की खाद

आप Kitchen की बची-कुची चीजो का प्रयोग कर इस गार्डन की खाद तैयार करने की कोशिश करे | मिटटी के बारे में किसी जानकार से सलाह ले और फिर Kitchen Waste मिलाते रहे |

वजन का ध्यान

छत पर वजन बढाना किसी भी तरह की समझदारी का काम नही है | Plastic Bags का प्रयोग करे तथा सीमेंट के भारी-भारी गमले रखने से बचे | इस तरह आप काफी खर्चा भे कर लेंगे |

ये लगाये छत पर

आप छत पर टमाटर ,भिंडी , बैंगन , पालक इत्यादि आसानी से लगा सकते है | यह छत के आकार पर निर्भर करता है कि आपको क्या क्या मिलेगा | कुछ लोग तो संतरा , अंगूर , नीम्बू और केला भी लगा लेते है | आप Hybrid बीज लगा सकते है ये Terrace Garden के लिए काफी फायदेमंद होते है तथा बेहद आसानी से मिल जाते है |

दिन में दो बार पानी

बरसात की बात तो जाने दे , परन्तु छत पर रखे पौधों को आमतौर पर दिन में दो बार पानी देने की जरूरत पडती है | वे सब्जिया या फल नही लगाये जाने चाहिए , जिन्हें ज्यादा पानी की जरूरत पडती है | इससे घर में पानी की खपत बढ़ेगी | Garden को सेट करने से पहले यह तय क्र कि आप इतना पानी खर्च कर पायेंगे या नही |

रखे हर पौधे का ख्याल

Terrace पर मौजूद हर पौधे का ख्याल रखना आपकी जिम्मेदारी है इसलिए उसकी जरूरत और रखने की जगह तक की जानकारी आपको होने चाहिए | जगह के चुनाव से मतलब उसे मिलने वाली सूरज की रोशनी से है | कुछ पौधे ऐसे होते है जिन्हें केवल पचास फीसदी धुप की जरूरत होती है जबकि गुलाब जैसे पौधों को 75 प्रतिशत धुप की जरूरत होती है | इनके लिए जरुरी छाँव का इंतजाम भी आपको ही करना है |

कई फायदे

छत पर बगीचा होने का सबसे बड़ा फायदा रो यह है कि घर के अंदर खासी ठंडक बनी रहती है | जब इसमें सब्जियाँ उगने लगेगी तो आसानी के साथ हफ्ते में चार दिन का कोटा यहाँ से पूरा किया जा सकता है | पक्षियों का आना-जाना बढ़ेगा और तितिलिया मंडराने लगेगी , कुल मिलाकर जीवंत माहौल पैदा होगा |


3 Oct 2018

वास्तु के मुताबिक अपने घर के लिए चुनें सही रंग, खुल जाएगी किस्मत

यह बात साबित हो चुकी है कि रंग लोगों पर मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालते हैं। घर एक एेसी जगह है, जहां लोग अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा बिताते हैं। कुछ खास रंग लोगों में खास इमोशन पैदा करते हैं, इसलिए घर में रंगों का संतुलन बनाना बहुत जरूरी है, ताकि आप एक ताजा और स्वस्थ जीवन जी सकें।

दिशाओं के मुताबिक आपके घर के रंग: A2Zवास्तु डॉट कॉम के संस्थापक और सीईओ विकाश सेठी ने कहा कि रंग दिशाओं और घर के मालिक की जन्मतिथि के मुताबिक तय किए जाने चाहिए। चूंकि हर दिशा का अपना एक खास रंग होता है, इसलिए हो सकता है, यह घर के मालिक से मेल न खाए। इसके लिए घर के मालिकों को वास्तु शास्त्र में लिखी बुनियादी गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए।

नॉर्थ-ईस्ट- हल्का नीला।

पूर्व-सफेद या हल्का नीला।

दक्षिण-पूर्व- यह दिशा आग से जुड़ी है। इसलिए संतरी, गुलाबी या सिल्वर रंग ऊर्जा को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

उत्तर: हरा और पिस्ता ग्रीन।

उत्तर-पश्चिम: यह दिशा हवा से जुड़ी है। इसलिए सफेद, हल्का ग्रे और क्रीम रंग इसके लिए परफेक्ट है।

पश्चिम- यह जगह ‘वरुण’ (जल) की है, इसलिए नीला और सफेद सर्वश्रेष्ठ है।

दक्षिण-पश्चिम- आड़ू रंग, गीली मिट्टी का रंग, बिस्किट कलर और लाइट ब्राउन कलर।

दक्षिण-लाल और पीला।

सेठी ने कहा कि घर के मालिकों को काला, लाल और पिंक रंग चुनने से पहले अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए, क्योंकि ये रंग हर किसी को सूट नहीं करते।

किस कमरे में हो कौन सा रंग:

विशेषज्ञों का कहना है कि आपके घर के हर कमरे में ऊर्जा, आकार और दिशा के मुताबिक रंगों की जरूरत होती है। एस्ट्रोन्यूमरोलॉजिस्ट गौरव मित्तल ने कहा, ”घर में रहने वाले लोगों को कमरों के रंग चुनते वक्त इन बातों का ध्यान रखना चाहिए”।

मास्टर बेडरूम: मास्टर बेडरूम दक्षिण-पश्चिम दिशा में होना चाहिए और इसलिए इसमें नीला रंग करवाना चाहिए।

गेस्ट रूम/ड्राइंग रूम: घर में आए रिश्तेदारों के लिए गेस्ट रूम/ड्राइंग रूम उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। इसलिए इस दिशा में अगर गेस्ट रूम है तो उसमें सफेद रंग होना चाहिए।

बच्चों का कमरा: उत्तर-पश्चिम उन बच्चों के लिए सर्वश्रेष्ठ दिशा है, जो बड़े हो गए हैं और पढ़ाई करने के लिए बाहर जाते हैं। चूंकि उत्तर-पश्चिम दिशा पर चंद्रमा का राज है, इसलिए इस दिशा में स्थित बच्चों के कमरे में सफेद रंग कराना चाहिए।

किचन: दक्षिण-पूर्व दिशा किचन के लिए बेस्ट है, इसलिए किचन की दीवारों का रंग संतरी या लाल होना चाहिए।

बाथरूम: उत्तर-पश्चिम दिशा बाथरूम के लिए सबसे सही है और इसमें सफेद रंग होना चाहिए।

हॉल: आदर्श तौर पर हॉल नॉर्थ-ईस्ट या नॉर्थ वेस्ट दिशा में होना चाहिए और इसमें पीला या सफेद रंग करवाना चाहिए।

घर के बाहर का रंग: घर के बाहर का रंग मालिकों के मुताबिक होना चाहिए। श्वेत-पीला, अॉफ वाइट, हल्का गुलाबी या संतरी रंग सभी राशि के लोगों के लिए अच्छा होता है।

घर में भूलकर भी न कराएं ये रंग:

एक्सपर्ट्स के मुताबिक लाइट रंग हमेशा अच्छे होते हैं। डार्क रंग जैसे लाल, ब्राउन, ग्रे और काला हर किसी को सूट नहीं आता। ये रंग अग्नि ग्रहों जैसे राहू, शनि, मंगल और सूर्य का प्रतिनिधित्व करते हैं। सेठी के मुताबिक लाल, गहरा पीला और काले रंग से परहेज करना चाहिए। आमतौर पर इन रंगों की तीव्रता काफी ज्यादा होती है। ये रंग आपके घर के एनर्जी पैटर्न को डिस्टर्ब कर सकते हैं।

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